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Message * परमार्थसार भगवान अभिनवगुप्तपादप्रणीत शैवाचार्य श्रीयोगराजरचित वृत्ति : संस्कृत मूलपाठ तथा हिन्दी रूपान्तरण टिप्पण सहित - 8185504415 - 9788185504414